मदन लाल
मैं टोंक का रहने वाला हूँ। पहले दूध निकालकर मंडी तक ले जाना पड़ता था—कभी रेट ठीक, कभी नहीं। कभी दूध बच जाता था तो नुकसान उठाना पड़ता था। फिर Veer Dairy से जुड़ा, तो सब कुछ बदल गया। अब दूध रोज़ाना टाइम पर उठता है, पूरा भुगतान बैंक में आता है, और मैं बाकी समय खेत और परिवार को दे पाता हूँ। अब लगता है असली तरक्की गाँव से ही शुरू होती है।
6/1/20251 min read
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